सीतापुर, सितम्बर २८, २०१९: आज, 30 से अधिक किशोर लड़के और लड़कियों ने डॉक्टर आर.के. नैय्यर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीतापुर ,डॉ उदय प्रताप, एडिशनल चिकित्सा अधिकारी, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) और श्री शिवाकांत, जिला आरकेएसके समन्वयक, स्थानीय समुदाय के नेताओं और अन्य किशोरों से एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लिनिक्स (एएफएचसी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चर्चा की| यह चर्चा 'अब मेरी बारी ’अभियान का एक हिस्सा था, जो लड़कियों के नेतृत्व वाली एक पहल है| इस अभियान के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की बस यात्रा भारत के तीन राज्यों - झारखंड, उत्तर प्रदेश (यूपी) और राजस्थान से होकर गुज़र रही है, जिसमें 300 से अधिक गर्ल चैंपियंस भाग ले रही हैं।
बस यात्रा के जरिये ये गर्ल चैंपियंस सरकारी योजनाओं में मौजूद कमियों दर्शा रही है | गर्ल चैंपियंस किशोरियों के लिये बेहतर यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार (सेक्सुएल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ राइट्स), शिक्षा, पोषण और सुरक्षा की मांग कर रही है ताकि टीनएज प्रेगनेंसी, शिक्षा में रूकावट, जल्दी शादी या बाल विवाह, लड़कियों के ऊपर होने वाली हिंसा और यौन शोषण जैसे मुद्दों को रोका जा सके|
मेरी लाइफ और मेरे फैसले से प्रांजलि शर्मा ने कहा, “लड़कियों को शादी, प्रजनन और उनके जीवन के बारे में अपने स्वयं के उचित निर्णय लेने के लिए, यह आवश्यक है कि वे स्कूल जाएं, उन्हें यौन और प्रजनन स्वास्थ्य (सेक्सुएल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ) के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान की जाए, और सरकारी सेवाएं उनतक पहुंचे। इससे बाल विवाह और टीनएज प्रेगनेंसी को रोक पाना संभव हो सकेगा और लड़कियों एवं युवा महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकेगा।"
‘अब मेरी बारी’ बस यात्रा एक ऐसे महत्वपूर्ण समय में उत्तर प्रदेश में पहुंची है, जब राज्य में टीनएज प्रेगनेंसी के मामलों को रोकने के लिए विभिन्न सामाजिक एवं गैर-सरकारी संगठन उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में टीनएज प्रेगनेंसी की दर 3.8% है | राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (एनएफएचएस-4) और २०११ की जनगणन से पता चलता है कि संख्यात्मक आधार पर भारत में टीनएज प्रेगनेंसी एवं कम उम्र की महिलाओं में मातृत्व के तकरीबन 44.67 लाख केसेज होने का अनुमान है, जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसे 4.08 लाख मामलों के होने का अनुमान है। यानी कि देश की हर दसवीं टीनएज प्रेगनेंट लड़की उत्तर प्रदेश में रहती है ।
सीतापुर (7.3%) उन टॉप दस जिलों में से एक है जहा पे राज्य में सबसे अधिक टीनएज प्रेगनेंसी के मामले हैं। बहराइच (9.9%), एटा (9.2%), बदायूँ (8.9%), मथुरा (8.7%), ललितपुर (8.6%), महामाया नगर (8.6%), चित्रकूट (8.2%), कांशीराम नगर ( 7.1%) और श्रावस्ती (7%) जिलों में भी टीनएज प्रेगनेंसी उच्च दर में पायी जाती है|
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रोग्राम ऑफिसर प्रशांत शुक्ला ने कहा, “हम सीतापुर जिले में राष्ट्रीय किशोर स्वस्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) का हाई क्वालिटी कार्यान्वयन कर रहे हैं। हमारे प्रोग्राम्स के माध्यम से हमने किशोर यौन और प्रजनन स्वस्थ्य (अर्श) काउंसलर और पीयर एजुकेटर की क्षमता बधाई है और एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लिनिक्स (ऐ ऐफ़ एच सी) के कमियों पे ध्यान दिया है| इसका प्रमुख लक्ष्य ऐ ऐफ़ एच सी पर जाने वाले किशोरों की संख्या में वृद्धि करना और वहां उपलब्ध सेवाओं का उपयोग बढ़ाना है |"
आयोजन में उपस्थित सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के नेताओं ने झारखंड में गर्ल चैंपियंस द्वारा की गई कुछ सिफारिशों को स्वीकार किया और इन् सिफारिशों का उत्तर प्रदेश को मद्दे नजर रखते हुए कार्यान्वित करने के बारे में सोचा|
ये सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
'अब मेरी बारी ’बस यात्रा 21 सितंबर को झारखंड के गुमला से शुरू हुई और सिमडेगा (झारखंड), रांची और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से होकर गुजरी। यह यात्रा अब सीतापुर से होकर किशोरों, विशेषकर लड़कियों की चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए करौली (राजस्थान) की ओर बढ़ेगी। यह दौरा 4 अक्टूबर, 2019 को जयपुर, राजस्थान में समाप्त होगा।
लखनऊ में अब मेरी बारी युथ इम्प्लिफिएर्स और मेरी लाइफ मेरे फैसले से जुडी हुयी लड़कियों ने लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्त भाटिया, एडिशनल मिशन डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वस्थ्य अभियान, स्वयंसेवी संस्थाओ और १०० अन्य भागीदारों किशोरों से चर्चा की |
किसी भी अन्य प्रश्नों के लिए, प्रशांत शुक्ला, कार्यक्रम अधिकारी, पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को prashant.shukla@populationfoundation.in पर लिखें।