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अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस : किशोर लड़कियां 'अब मेरी बरी' अभियन के तहत आकांक्षी जिलों में सामाजिक बदलाव की चैंपियन बन रही है

Adolescents | August 12, 2019

लड़कियों के नेतृत्व मे अब मेरी बारी अभियान यौन-प्रजनन और स्वास्थ्य अधिकारों, पोषण एव शिक्षा के बेह्तर पहुच के लिए सरकारी अफ़सर,समुदयिक नेता और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ के साथ काम करेगा|

राँची/ जमशेदपुर, 12 अगस्त 2019: 12 अगस्त को विश्व-भर में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है| इस दिन पर संयुक्त राष्ट्र, सरकार और गैर सरकारी संगठन दुनिया भर के 1.8 अरब युवकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करते है| अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर झारखंड के छह आकांक्षी जिलों से 150 किशोरियों का समूह अपनी आवाज़ सरकार और समाज तक पहुंचा रही है| वे किशोर-केंद्रित सरकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन करने के लिए सिमडेगा, सरायकेला, दुमका, गुमला, देवघर और लोहरदगा में सामाजिक ऑडिट कर रहे हैं।

 

इन सोशल ऑडिट से उत्पन्न आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा और जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी अधिकारियों, सामुदायिक नेताओं तक खुले पत्र, चर्चा, ओपन माइक सत्र और बस यात्रा के द्वारा वो विश्लेषण  पहुंचाया जायेगा| ये सभी गतिविधियाँ अब मेरी बारी अभियान के दूसरे चरण में हो रही है जिसका स्ट्रेटेजिक फिलांथ्रोपी संस्था दसरा समर्थन कर रही है| 

 

निवेदिता नटराज, प्रभारी, बाल विकास परियोजना (पदाधिकारी- मधुपुर) ने कहा, "अब मेरी बारी अभियान से में काफी प्रभावित और उत्साहित हूँ| इस अभियान के माध्यम से किशोरियों में अपने अधिकारों के बारे में काफी जागरूकता आयी है| में ये इस लिए कह रही हूँ क्युकी कुछ अब मेरी बारी गर्ल चैंपियंस मेरे पास आयी और अपने स्वास्थ्य से सम्बंधित सवाल पूछे| मैंने उन्हें बताया की सरकार के द्वारा किशोरियों के लिए स्वास्थ्य कई योजनाए है| इन योजनाओ का लाभ उठाने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य कर्मचारी से संपर्क रहना जरुरी है और समय पर स्वास्थ्य जाँच कराये||"

 

लड़कियों के नेतृत्व में झारखंड के किशोरों के लिए अभियान

 

झारखंड में 150 किशोरिया अब मेरी बारी अभियान के माध्यम से शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों (SRHR), कौशल, सुरक्षा, सशक्तिकरण जैसी प्राथमिकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए देशव्यापी आंदोलन का निर्माण कर रही है| पिछले महीने राँची में एक चर्चा सत्र में इन किशोरियों ने राज्य में किशोरों की प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा की और अपने मांग को अंतिम रूप दिया| विशेषज्ञों और भागीदार गैर सरकारी संगठनों की मदत से गांव की मैपिंग शीट, सामाजिक ऑडिट और सामुदायिक बैठकों की योजना जैसे उपकरण बनाए गए| ये उपकरण झारखंड में किशोरों के सशक्तीकरण के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं और रणनीतियों के बारे में डेटा उत्पन्न करने और उनकी कमियों को उजागर करने में मदद करेंगे।

 

किशोरों के लिए सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए उपकरणों के साथ सुसज्जित, राज्य के विभिन्न जिलों की 150 किशोरिया कई सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामुदायिक नेताओं से मिलकर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम (आरकेएसके ), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) और मासिक धर्म स्वच्छता योजना (एमएचएस) की पहुंच और गुणवत्ता सुधार लाने के बारे में चर्चा कर रही है| 

 

अगस्त के अंत तक किशोरिया अपनी चुनौतियों को व्यक्त करने वाले 200 से अधिक पत्र स्थानीय सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामुदायिक नेताओं को प्रस्तुत करेंगी। सितंबर में, वे राजस्थान की 150 लड़कियों के साथ जुड़ेंगी |  बस यात्रा के माध्यम से अब मेरी बारी अभियान का संदेश झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जिलों में पहुंचाया जायेगा| 

 

सिमडेगा की गर्ल चैंपियन कृति कुमारीने कहा, " अब मेरी बारी अभियान से जुड़कर मुझे बहुत उत्साही और प्रभावी लग रहा है| इस अभियान के दौरान हम ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर से मिले और उनसे किशोर केंद्रित सरकारी योजनाओ के बारे में चर्चा की| अब मेरी बारी अभियान के वजह से सरकारी अधिकारियो से मिलके सवाल पूछने का मेरा दर ख़तम हो चूका है|"

 

सुशांत पाठक, कार्यक्रम अधिकारी, क्वेस्ट अलायन्स ने कहा, " अब मेरी बारी अभियान के वजह से गर्ल चैंपियंस को ये एहसास हुआ है की उनकी आवाज मायने रखती है| इन लड़कियों को ऐसे मंच की आवश्यकता थी जो उन्हें मुख्य धारा में लाने में उनका समर्थन कर सके, उनके आत्मविश्वास का निर्माण कर सके और उनकी आवाज़ को संबंधित सरकारी अधिकारियों और समुदाय तक पहुंचा सके। इन लड़कियों को अब मेरी बारी सर्वेक्षण के दौरान जो सम्मान मिला उससे उन्हें अपने महत्व का पता चला है|"

 

बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा परिणामों के लिए 'अब मेरी बारी' अभियान 

 

अब मेरी बारी 10to19 Dasra Adolescents Collaborative (डीएसी) का हिस्सा है, जो एक उच्च-प्रभाव वाला मंच है जिससे  झारखंड और भारत के अन्य वंचित क्षेत्रों में लाखों किशोरों के जीवन को सशक्त और सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए सामाजिक संगठनों,तकनीकी विशेषज्ञों और सरकार को एकजुट करता है। 

 

डीएसी स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित परिणामों पर केंद्रित है:

  • शादी की उम्र में देरी
  • पहली गर्भावस्था / जन्म की उम्र में देरी
  • माध्यमिक शिक्षा को पूरा करना
  • बढ़ती एजेंसी और आत्म-प्रभावकारिता

 

दसरा के एसोसिएट डायरेक्टर, शैलजा मेहता ने कहा, " अब मेरी बारी अभियान के चरण 1 में किशोरों को उनके लोकतांत्रिक कर्तव्यों के महत्व को समझने के लिए निर्देशित किया गया था। अभियान के चल रहे चरण 2 में हम झारखंड के छह आकांक्षी जिलों में किशोरों को सशक्त बनाने के लिए डेटा, उपकरण और एक सहायक नेटवर्क बना रहे हैं। हम किशोरों की आवाज़ को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सही सरकारी अधिकारियों तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं जिससे किशोरों केंद्रित सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर वितरण हो पायेगा|"

 

झारखंड में किशोर बहु-आयामी चुनौतियों का सामना करते हैं जो उन्हें अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने से सीमित करते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (ऐनएचएफएस) और यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन ऑन स्कूल एजुकेशन (युडीआईसी) केआंकड़ों से पता चलता है कि झारखंड में 15-24 वर्ष की आयु की 38 % महिलाओं का विवाह 18 साल आयु पुरे होने से पहले किया गया था, जबकि राष्ट्रीय औसत 27% था; और झारखंड में 22% लड़कियों ने प्राथमिक से माध्यमिक स्कूल में प्रवेश नहीं किया जबकि राष्ट्रीय औसत 11% है।

 

अब मेरी बारी की गति विधियों के तहत किये गए अध्ययन और सर्वेक्षण का उपयोग  किशोर केंद्रित सरकारी योजनाओं के वितरण में सुधार लाने और किशोरों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जायेगा| 

झारखंड और राजस्थान के अन्य आकांक्षी जिलों में ये किशोरिया अपने और देश के विकास में योगदान करने के लिए और महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ सहयोग करने के लिए ये साहसिक कदम उठा रही हैं।

 

किसी भी अन्य प्रश्नों के लिए, कृपया akshay@dasra.org  पर लिखें|

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