रांची, 24 सितंबर, 2019: आज लगभग 60 बालिकाओं ने सरकारी प्रतिनिधियों, प्रमुख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सामुदायिक नेताओं, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य किशोरियों को दस महत्वपूर्ण सिफारिशों का एक चार्टर दिया। इन बालिका समर्थकों ने झारखंड के छह जिलों में उनके द्वारा आयोजित 63 सोशल ऑडिट के विश्लेषण के आधार पर दस महत्वपूर्ण सिफारिशों की पहचान की।
बालिका समर्थकों द्वारा तैयार की गई 10 सिफारिशों का चार्टर निम्नलिखित है:
सिमडेगा के कोलेबिरा की कृति कुमारी ने बताया कि “स्कोर कार्ड करते समय, हमें सरकारी अधिकारियों और प्रमुख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने का अवसर मिला जो किशोरी केंद्रित कार्यक्रमों और योजनाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। इससे हम उनके नजरिये को समझ पाये और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से सेवाओं की डिलीवरी में सुधार के लिए सिफारिशें प्रदान कर पाये।”
देवघर जिल्ला में शेम्पू कुमारी की गर्ल चैंपियन ने कहा, "इसे पहले कभी हमे चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अफसर (सी. डी. पी. ओ) से बात करने का मौका नहीं मिला था। स्कोर कार्ड के चलते हमे अपनी बात रखने का मौका मिला। हमारे सारे सवालो का अच्छे से जबाब मिला और आहार और पोषण के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानकारी मिली।“
बालिका समर्थकों ने चार्टर को एक बस यात्रा के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया, जो झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में सात जिलों में जा रही है। इस बस यात्रा की मेजबानी ‘अब मेरी बारी’ अभियान कर रहा है, जो मार्च 2019 में शुरू हुआ है, जिसका उद्देश्य देशव्यापी स्तर पर किशोरियों की प्राथमिकताओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
झारखंड के किशोरियों को सशक्त बनाने के लिए सहयोगी कार्रवाई के बारे में एक पैनल में, चाइल्ड इन नीड इंस्टिट्यूट, के प्रोग्राम मैनेजर, अमित घोष ने कहा कि “झारखंड की किशोरियों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों का संबंध कई सामाजिक मुद्दों से है। 63 गांवों से प्राप्त सोशल ऑडिट डेटा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों (एसआरएचआर) में सुधार के लिए स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों, स्थानीय शासन के निकायों और समुदायों को अच्छी तरह से सुसज्जित करने की आवश्यकता पर जोर डालते हैं। इसे सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों के सहयोग से संभव बनाया जा सकता है।”
ब्योमकेश लाल, सीनियर प्रोग्राम अफसर, सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज संस्था ने कहा, "झारखंड में आंदोलनों का नेतृत्व करने वाली महिलाओं की एक परंपरा है। गर्ल चैंपियन सरकार को लिए अपनी मांगों व्यक्त करने वाली महिला नेतृत्व का महान उदाहरण हैं।"
21 सितंबर को गुमला में बस यात्रा शुरू हुई, और स्थानीय अधिकारियों और लोगों के साथ बातचीत करने के लिए आज सुबह सिमडेगा पहुंची। अगला पड़ाव रांची है जहां राज्य स्तर का एक बड़े आयोजन में, उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होने से पहले, झारखंड की गतिविधियों का समापन किया जायेगा।
चार्टर में दी गईं सिफारिशें झारखंड के सिमडेगा, सरायकेला, दुमका, गुमला, देवघर और लोहरदगा जिले के 63 गांवों में की गई किशोरी केंद्रित योजनाओं और सेवाओं के सोशल ऑडिट और रिसोर्स मैपिंग पर आधारित हैं, जिसमें राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके), माहवारी स्वच्छता योजना (एमएचएस) और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) जैसी योजनाएं शामिल हैं। वर्ष 2019 के अगस्त और सितंबर में कुल 63 सोशल ऑडिट एकत्र किए गए और उनका मिलान किया गया। लड़कियों द्वारा प्रस्तुत किए गए डेटा और सिफारिशें एक छोटे सैम्पल साइज पर आधारित हैं और यह बालिका समर्थकों और सामुदायिक हितधारकों की धारणाओं पर केन्द्रित हैं।
ये 60 बालिका समर्थकों ने ‘अब मेरी बारी’ अभियान के अंतर्गत अपने सीखे गये कौशल के आधार पर 300 अन्य बालिका समर्थकों को प्रशिक्षित करेंगी। इन कौशलों में सरकारी सेवाओं का आकलन करना, विभिन्न हितधारकों के साथ जुड़ना, सोशल ऑडिट करना, सार्वजनिक बोलना, आंकड़ों का विश्लेषण करना और अपने स्थानीय प्रशासन के लिए सिफारिशें करना और संबंधित लोगों के साथ साझेदारी में इन सिफारिशों को लागू करने पर काम करना शामिल है।
किसी भी अन्य जानकारी के लिए, कृपया akshay@dasra.org को लिखें।
‘अब मेरी बारी’ के बारे में
‘अब मेरी बारी’ अभियान मार्च 2019 में शुरू किया गया था। यह अभियान किशोरियों के मुद्दों को सामने लाने तथा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा, पोषण जैसे मुद्दों पर, जो उनके समग्र विकास और सेहत में योगदान करते हैं, बातचीत करने का प्रयास है । किशोरियों की प्राथमिकताओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ‘अब मेरी बारी’ अभियान को एक राष्ट्रव्यापी अभियान बनाने के लिए तैयार किया गया है।
अभियान के पहले चरण में, गतिविधियों को झारखंड और राजस्थान में केंद्रित किया गया है। अभियान की गतिविधियों को 60 से अधिक बालिका समर्थकों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जिसमें क्वेस्ट एलायंस, सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज, चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट, मैजिक बस, अरावली, दासरा पूरे झारखंड और राजस्थान में शामिल हैं। इन लड़कियों को उनके संबंधित गांवों में सरकारी सेवाओं का आकलन करने, अपने साथियों, समुदायों और सेवा प्रदाताओं के साथ जुड़ने, सोशल ऑडिट करने, सिफारिशें तैयार करने और इन सिफारिशों को साथ मिल कर आगे ले जाने के लिए अपने स्थानीय प्रशासन के साथ काम करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
अगले चरण में, 60 से अधिक बालिका समर्थक 300 बालिका समर्थकों को एक समान स्किल सेट पर प्रशिक्षित करेंगी। ये 300 बालिका समर्थक किशोरी-केंद्रित सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की बेहतर डिलीवरी के लिए आकलन करना, विश्लेषण करना, साझा करना और सहयोग करना जारी रखेंगी।
सोशल ऑडिट के निष्कर्षों की मुख्य विशेषताएं
लड़कियों के नेतृत्व वाले सोशल ऑडिट के गुणात्मक विश्लेषण से पता चला कि सामाजिक कार्यक्रमों की डिलीवरी के मामले में किन क्षेत्रों में सुधार हो सकते हैं, जिसका झारखंड में स्वास्थ्य, पोषण और जेंडर समानता से संबंधित प्रमुख विकास संकेतकों में सुधार लाने में प्रत्यक्ष प्रभाव हो सकते हैं।
क्षेत्र |
विश्लेषण |
यौन अधिकार स्वास्थ्य अधिकार और स्वास्थ्य |
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शिक्षा |
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स्वच्छता और माहवारी स्वच्छता प्रबंधन |
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सुरक्षा |
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